देश भर में इस बार मॉनसून ने कहर बरपाया है. उत्तर-पश्चिम भारत सहित देश के विभिन्न इलाकों में जमकर बारिश हुई है. कहीं बादल फटने की वजह से बाढ़ आई तो कहीं पर भूस्खलन ने गांवों और कस्बों को बर्बाद कर दिया. अगस्त के महीने में बारिश का कहर कुछ ज्यादा ही देखने को मिला है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) ने रविवार को खुलासा किया कि अगस्त में उत्तर-पश्चिम भारत में 265 मिमी बारिश हुई है, जो 2001 के बाद इस क्षेत्र में रिकॉर्ड की गई सर्वाधिक बारिश है यानी पिछले 24 सालों में इतनी भारी बारिश उत्तर-पश्चिम भारत में पहली बार रिकॉर्ड की गई है.
IMD के मुताबिक, दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में अगस्त महीने में 250.6 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है, जो 2001 के बाद इस इलाके में तीसरी सबसे अधिक है. यही वजह है दक्षिण भारत के कई इलाकों में भी इस साल अगस्त में मॉनसून का भयंकर कहर आम लोगों को झेलना पड़ा.
अतिभारी बारिश की 101 घटनाएं
अगस्त के महीने में अत्यधिक भारी बारिश की घटनाओं की संख्या भी काफी ज्यादा रही है, जिसके कारण कई जगहों पर लोगों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा है.
IMD के मुताबिक, अगस्त में 204.5 मिमी या उससे ज्यादा अत्यधिक भारी बारिश की घटनाओं (Extremely Heavy Rainfall) की संख्या 101 रही जबकि 115.6 मिमी से 204.5 मिमी तक वाली अत्यधिक भारी वर्षा की घटनाओं (Very Heavy Rainfall) की संख्या 621 रिकॉर्ड की गई.
औसत से ज्यादा बारिश का अनुमान
भारत मौसम विज्ञान विभाग के डीजी डॉ. एम मोहपात्रा ने रविवार को कहा कि सितम्बर महीने में भी बारिश औसत से ज्यादा होने का पूर्वानुमान है.
डॉ. मोहपात्रा के मुताबिक, सितम्बर में बारिश लंबी अवधि के औसत का 109% रहने का पूर्वानुमान है. देश के अधिकतर हिस्सों में बारिश सामान्य से ज्यादा होने का पूर्वानुमान है, जबकि उत्तर-पूर्वी और पूर्वी भारत में बारिश सामान्य से कम रहने का पूर्वानुमान है.